पंजाब के राजस्व मंत्री
मजीठिया से ईडी की पूछताछ के
बाद ये सवाल खड़ा हो रहा है कि
क्या देश एक नए तरह के आतंकवाद
के मुहाने पर खड़ा है... नशे के चलते पंजाब आज अगर
तबाही की कगार पर है तो देश पर
भी बर्बादी का खतरा ज्य़ादा
दूर नहीं है.. अगर आप इतिहास की तरफ देखें तो पंजाब के
ज्यादातर वही इलाके नशे की
चपेट में है जहां से आतंकवाद की शुरुआत हुई थी.... और वो इलाके हैं अमृतसर, तरनतारन ,
गुरुदासपुर, अबोहर, फजिल्का,
फिरोजपुर...
इसीलिए इसे महज ड्रग्स का मामला कहना सही नहीं होगा ... दरअसल ये ड्रग्स के जरिए देश को
खोखला करने की साजिश है..देश की युवा ताकत को खत्म
करने की कोशिश हो रही है..एक
बार फिर भारत को अस्थिर करने
की कोशिश हो रही है..और अगर इस
समस्या पर गंभीरता से ध्यान
नहीं दिया गया तो देश के सामने
आतंकवाद से भी बड़ी समस्या
खड़ी हो जाएगी.. .प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार
के दौरान कई बार ये कहा था कि
देश की सबसे बडी ताकत उसका
मानव संसाधन है..युवा शक्ति
है..लेकिन आज यही युवा शक्ति
खोखली होती जा रही है..
नशे की चपेट में आए पंजाब के ये इलाके देश में ड्रग्स की तस्करी
का सबसे बड़ा रूट हैं ... और गहराई से देखा जाए तो आतंकियों को फंडिग के लिए
ड्रग्स के कारोबार को मुख्य
ज़रिया बना दिया गया है. ड्रग्स
की तस्करी के इस नए पैटर्न ने
सुरक्षा एजेंसियों के भी होश
उड़ा दिए हैं.... पाकिस्तान और
अफगानिस्तान से मादक
पदार्थों की खेप की मात्रा हर
साल तेजी से बढ़ रही है....
पाकिस्तान से अफगान निर्मित
हजारों किलो हशीश देश में
लायी जाती है... अधिकारियों के
मुताबिक पाकिस्तान और
अफगानिस्तान से नारकोटिक्स में सबसे
ज्यादा तस्करी हेरोइन की
होती है, जिसका मुख्य केन्द्र
भारत-पाक सीमा है... और दरअसल पंजाब के यही इलाके हैं ... जो आज नशे की गिरफ्त में हैं ..
एक वक्त था जब पंजाब
की सबसे बडी ताकत उसकी एग्रो
इकॉनॉमी होती थी..देश के दूसरे
हिस्सों से लोग पंजाब के इसी
सेक्टर में रोजगार के लिए
जाते थे.... लेकिन यहां आतंकवाद ने गहरी जड़ें जमा ली थीं और लंबे संघर्ष के बाद देश को इससे छुटकारा मिल पाया था लेकिन मौजूदा वक्त सवाल खड़े कर रहा है ... किक्या पंजाब एक बार
फिर सन् 84 के दौर में वापस लौट
रहा है ,,,उस वक्त भी आतंकियों
ने पंजाब को बर्बाद कर दिया था
और इस बार नशे के जरिए फिर एक
बार उसी दौर को वापस लाने की
साजिश हो रही है..औऱ वर्तमान
हालातों को देखते हुए कहा जा
सकता है कि ये हमारे देश के
सामने सबसे बड़ा खतरा है..पहले से ही नॉर्थ ईस्ट के कई
प्रदेश बडी समस्याओं से घिरे
हैं....इसके साथ ही अब ड्रग्स
ट्रैफिकिंग कॉरीडोर पूरे देश
में बनता जा रहा है..
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के
मुताबिक, साल 2013 और इस साल अब तक
देशभर में मादक पदार्थों की
तस्करी से जुड़े 34 हजार 684
मामले सामने आए हैं। इनमें से
सबसे अधिक मामले पंजाब से हैं
और दूसरे स्थान पर उत्तर
प्रदेश है ...गृह मंत्रालय के आंकड़ों के
मुताबिक, मादक पदार्थ
नियंत्रण ब्यूरो ने देश में 2010
से 2013 के बीच 4,77,850 किलोग्राम
नशीले पदार्थ जब्त किए जिसमें
हेरोईन, गांजा, मोर्फिन, चरस,
अफीम, कोकीन आदि शामिल है। देश
में 2013 में मादक पदाथरे की
तस्करी से जुड़े 22,516 मामले
सामने आए हैं जबकि इस वर्ष अब
तक ऐसे 12,168 मामले दर्ज किये गए
हैं ...2011 से 2014 के दौरान
बरामद ड्रग्स के आंकड़ों कुछ इस तरह हैं ...
इस दौरान पंजाब से 380 लाख किलो ड्रग्स बरामद किया गया, मिजोरम से 474 लाख किलो
ड्रग्स, मणिपुर- 90 लाख किलो
ड्रग्स, असम से 27 लाख किलो ड्रग्स तो उत्तर प्रदेश से 20 लाख किलो ड्रग्स बरामद किया गया ..
नागालैंड से भी इस दौरान 42 लाख किलो
ड्रग्स मिला ..
बीते दिनों देश की सर्वोच्च
अदालत ने देश के नौनिहालों
में तम्बाकू, ड्रग्स, भांग,
सूंघने वाले मादक पदार्थों और
नशे की खतरे की हद तक बढ़ रही
लत पर गंभीर चिंता व्यक्त
करते हुए केन्द्र सरकार, सभी
राज्य सरकारों और केन्द्र
शासित प्रदेशों को नोटिस जारी
कर जबाव मांगा था ... लिहाजा अब वक्त आ गया है कि
इसको पॉलिटिक्स से दूर रखा
जाए ..सियासी बयानों से बचा जाए
नहीं तो पंजाब के साथ साथ पूरा
देश तबाह और बर्बाद हो
जाएगा ।
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