सियासत की बदली हुई तस्वीर
में महामुकाबले की यही तस्वीर
सबको नजर आ रही है....सोनिया,
राहुल, माया, मुलायाम,
नीतीश...इन सभी के केवल दल बदले
हैं...लेकिन सियासी निशाना
सिर्फ है वो है नरेन्द्र
मोदी....लिहाजा नरेन्द्र मोदी
ने भी अपनी रैलियों में अब नया
ऐलान शुरु कर दिया है कि कमल को
दिया हर वोट मोदी को वोट
होगा...
यानी विरोधी के एकसुर से
किए हमलों के जवाब में मोदी का
नारा सिर्फ इतना कि उनको दिया
वोट किसी के खिलाफ न हीं बल्कि
देश के विकास लिए दिया गया वोट
है...दरअसल सियासत की धारा इस
दौर में अलग अलग तरह से बहने
लगी है...एक धारा जानबूझकर
साम्प्रदायिकता बनाम
धर्मनिरपेक्षता की बहाई जा
रही है...इस कोशिश में कि
भावुकता और ध्रुवीकरण के नाम
पर माहौल बदल जाएगा...तो दूसरी
धारा है सिर्फ विकास के नारे
की...जिसकी शुरुआत मोदी ने
की...तो हालत ये हुई कि ना चाहते
हुए भी सबको इस होड़ में खुद को
आगे दिखाने लिए जूझना पड़ रहा
है...फिर चाहे माया हो, मुलायम
हों, नीतीश हों, या फिर खुद
कांग्रेस...
सवाल ये कि आखिर ये बदला
माहौल क्या इशारा दे रहा
है...क्या ऐसा पहली बार हो रहा
है...इसे समझने के लिए हमे
इतिहास में लौटना होगा...नेहरू
और इंदिरा गांधी के उस दौर को
याद करना होगा जब कमोबेश ऐसा
ही होता था...खासकर इंदिरा
गांधी के जमाने में इंदिरा
बनाम all का बना माहौल भला कौन
भूला है...यकीनन मौजूदा सियासत
के रंग में भी उसी इतिहास का
अक्स साफ देखा जा सकता
है...जहां मोदी विरोधी
पार्टियों की जाति और
सम्प्रदाय की सियासत को ढकेल
कर बार बार विकास के मुद्दों
पर लाकर खड़े कर देते
हैं...नतीजा ये कि वो हमेशा
सेन्टर स्टेज पर नजर आते
हैं....
केन्द्र में नरेन्द्र मोदी
हैं तो जाहिर है हमले चौतरफा
ही होंगे...ऐसा ही हो रहा
है...इंदिरा गांधी की तरह ही
नरेन्द्र
मोदी के भी पार्टी
के भीतर से लेकर बाहर तक
विरोधियों को जूझना पड़ रहा
है....अतीत में ऐसे कई मौके आए
हैं जब करिश्मे की तरह सामने
आए नेताओं को इन हालात से
गुजरना पड़ा है....पंडित नेहरू
भी संसद के बाहर से लेकर भीतर
तक ऐसी परिस्थियों का शिकार
रह चुके हैं....तो इंदिरा गांधी
के जमाने में तो हद ही
होगई....शुरुआती दौर में इंदिरा
को अपनी पार्टी के वेटरन
लीडर्स का विरोध झेलना
पड़ा...तो इंदिरा गांधी ने
तमिलनाडु के वेटरन लीडर के
कामराज को आगे करके पार्टी के
तमाम विरोधी वेटरन लीडर्स को
हाशिए पर डाल दिया....
मौजूदा दौर नरेन्द्र मोदी
के लिए कमोबेश वैसा ही
है...पार्टी के भीतर आडवाणी
ब्रिगेड का मुकाबला करते हुए
पार्टी के बाहर की चुनौतियों
का मुकाबला कर रहे हैं
मोदी...और एक बार फिर 1977 का वो
माहौल नजर आने लगा है जब
लोकनायक जयप्रकाश की
सम्पूर्ण क्रांति के बाद देश
की अवाम इंदिरा गांधी के
खिलाफ उठ खड़ी हुई...और तमाम
दलीय, क्षेत्रीय और
साम्प्रदायिक भावनाओं से उपर
उठकर कांग्रेस को सत्ता से
बेदखल कर दिया....मोदी विरोधी
तमाम नेताओं की कोशिशों के
बाद भी मोदी की सभाओं में
उमड़ती भीड़ और बन रहा माहौल
उस वक्त की याद ताजा कर रहा
है...
मोदी ने बेहद खूबसूरती से
राजनीतिक विरोधियों के जाति
और सम्प्रदाय के चक्रव्यूह से
बचते हुए विकास, गुड गवर्नेस,
अकाउंटेबिलिटी,
ट्रांसपैरेंसी को मुद्दा
बनाकर आक्रामक कैंपैनिंग
शुरु की है....नतीजा ये कि
चुनावी साल के सारे सर्वे
मोदी को उनके विरोधियों से
काफी आगे बता रहे हैं..जनता का
रिस्पॉंस, सर्वे के परिणाम और
सोशल मीडिया की लोकप्रियता का
ही नतीजा है कि अब नरेंद्र
मोदी दल और प्रत्याशी से ऊपर
उठकर खुद अपने नाम पर वोट मांग
रहे हैं...और विचारधारा,
सिद्धांत, सांस्कृतिक
राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर
चर्चा की बजाय विकास,
अकाउंटेबिलिटी, और गवर्वेंस
जैसे मुद्दें मोदी के भाषणों
की सुर्खियां बनीं हुई है
सियासी मौसम का सबसे
दिलचस्प मोड़ आ चुका है...और
तस्वीर है नरेन्द्र मोदी बनाम
all की...यकीन मानिए इतिहास में
जब भी ऐसा हुआ है...एक करिश्माई
राजनीतिक परिवर्तन के दौर से
देश गुजरा है....शायद विरोधी भी
इस बात को समझ गए हैं...लिहाजा
अब विकास के मुद्दों को जाति
धर्म सम्प्रदाय के नाम पर
डायवर्ट करने की कोशिशें भी
तेज होने लगी हैं....देखना होगा
कि जनता इस दिलचस्प लड़ाई में
किसके एजेंडे को वाजिब मानती
है...
आप के इस ब्लॉग से जाहिर होता हैं, कि नरेंद्र मोदी ही एक मात्र ऐसे नायक हैं, जो देश का विकास कर सकता हैं, लेकिन उन आरोपो का क्या जो नरेंद्र मोदी पर लगते रहे हैं.... चाहें वो गुजरात का दंगा हो,या फिर किसी महिला कि जासूसी का मामला आजतक नरेंद्र मोदी इस पर खुल कर नहीं बोले हैं.......
जवाब देंहटाएंऔर उससे भी बढ़कर दो करदम आगे है उनकी सरकार के मंत्री जिन्होंने ने हाल के दिनों में बयान दिया की हम बदला लेंगे....... और यदि यह मान भी लिया जाए नरेंद्र मोदी का इसमे कोई दोष नहीं हैं ...पर उसका क्या जो उनकी सरकार में मंत्री कार्यरत हैं ...... वो तो दोषी ठहराये जा चुके हैं ... फिर भी उनको श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपनी मंत्रीमंड़ल में जगह दी हुई हैं।