
दिलचस्प
बात ये है कि नरेंद्र मोदी ने
अभी तक वहां से नामांकन पत्र
भी दाखिल नहीं किया है ...
बावजूद इसके
उनके समर्थकों की तरफ से शुरु
किया गया कैंपेन इतना विवादित
हो गया कि मोदी को खुद ट्वीट
करके अपने समर्थकों से संयम
बरतने और काशी के लोगों की
भावनाओं का आदर करने की अपील
करनी पड़ी ... सबसे
ज्यादा विवाद हर-हर
मोदी, घर-घर
मोदी नारे को लेकर हुआ ....
वाराणसी में
मोदी समर्थकों ने ये नारा ठीक
उसी तरह लगाना शुरु किया जिस
तरह हर-हर
महादेव का नारा लगाया जाता
है .. लिहाजा
काशी के धर्माचार्यों और काशी
के रहने वाले लोगों की आस्था
को ठेस पहुंची और विवाद इतना
ज्यादा बढ़ गया कि बीजेपी के
चोटी के नेताओं समेत,
नरेंद्र मोदी
तक को, पब्लिक
प्लेटफॉर्म पर ये कहना पड़ा
कि हर हर मोदी नारा न लगाया
जाए ...
'रांड
सांड सीढ़ी संन्यासी
इनसे
बचै तो सेवै काशी'
इस
कहावत का मतलब बनारस में ठगी
की पराकाष्ठा से है ...
मतलब ये कि
काशी में विद्वता,
संस्कृति,
कला हर चीज
की पराकाष्ठा है तो ठगी की भी
है .... दरअसल
काशी में इतने सारे गुण हैं
कि जो भी यहां आता है वो किसी
ना किसी रूप में प्रभावित हुए
बिना नहीं रहता और जो प्रभावित
करने के विचार से आता है उसे
काशी की आबोहवा प्रभावित कर
देती है ...
और वो ठगे
से रह जाते हैं...
काशी के
लोगों ने हज़ारों साल से अपनी
cultural,
intellectual, religious, historical सुपरमैसी
को बनाए रखने की कोशिश की है
...काशी
का अल्हड़पन पूरी दुनिया में
मशहूर है ..
लेकिन ये
भी सच है कि यहां विद्वानों,
महापुरुषों,
साहित्यकारों
और कलाप्रेमियों की जितनी
बड़ी तादाद काशी में है उतनी
शायद ही कहीं और है ...
शायद यही
वजह है कि बाहर से आने वाले
लोग यहां आकर काशी के मुरीद
हो जाते हैं ...

लेकिन
काशी का एक दूसरा पक्ष भी है
जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण
है...वो
है काशी में विकास की कमी..
काशी में
दुनिया भर से लोग आते हैं ...
काशी को
मिनी भारत कहा जाता है क्योंकि
यहां देश के लगभग हर संस्कृति
के लोग रहते हैं लेकिन इसके
बावजूद यहां विकास के नाम पर
कुछ नहीं है ....
सैकड़ों
साल पुरानी तंग गलियों में
आज भी कोई बदलाव नहीं है ...
घाटों पर
भीड़ के बीच गंदगी नज़र आती
है ..... सड़कें
बुरी हालत में हैं ...लगभग
साल भर लोग यहां जाम से जूझते
हैं ... तंग
गलियों में दुकानें अटी पड़ी
हैं जिनके ठीक नीचे खुले नाले
बहते हैं...
गंगा की
गंदगी तो एक मुद्दा है ही ...
ऐसे में जब
ये सीट नरेंद्र मोदी के चुनाव
लड़ने की वजह से काफी अहम हो
गई है तो काशी के लोगों की
उम्मीद है कि शायद इस बार यहां
से चुन कर जो भी व्यक्ति जाएगा
वो काशी के Integrated
और
all round
development की बात
करेगा ...
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