यूपी में
मोदी का कोई प्रभाव नहीं
मीडिया
ने मोदी को आगे बढ़ाया
तीसरे
मोर्चे की बनेगी अगली सरकार
समाजवादी
पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह
यादव के साथ सियासत की बात
वासिंद्र
मिश्र, संपादक,
ज़ी रीजनल चैनल्स...
वासिंद्र
मिश्र: नमस्कार
आज के खास कार्यक्रम में आपका
का स्वागत है । आज हमारे खास
मेहमान है समाजवादी पार्टी
की मुखिया मुलायम सिंह यादव
जी । मुलायम सिंह जी से जानने
की कोशिश करेंगे जो आज का
राजनीतिक माहौल है जिस तैयारी
के साथ वो खुद और पार्टी चुनाव
में जा रहे है उनकी क्या उम्मीदें
हैं और वो क्या वो सोचते है ।
नेताजी
सबसे पहले इस पर चर्चा का करते
है कि जो इस समय देश की हालत
है और जो मौजूदा विकल्प दिखाई
दे रहा है एक तरफ एनडीए है खास
तौर पर भारतीय जनता पार्टी
और एक तरफ आप लोग है तीसरा
मोर्चा बनाने की । आप को लग
रहा है कि कांग्रेस को एक मजबूत
चुनौती दे पाएंगे 2014 के
चुनाव में ।
मुलायम
सिंह यादव: जहां
तक आप ने मौजूदा स्थिति के
बारे में सवाल किया..देश
की स्थिति अनिश्चय की स्थिति
में है । सीधे सीधे किसी की
दृष्टि देश की तरफ नहीं है देश
के हालात बहुत अच्छे नहीं है
। क्योंकि कई समस्याएं है ।
एक तो सबसे बड़ी समस्या है
सुरक्षा की...देश
की सुरक्षा को लेकर अरूणाचल
से लेकर लद्दाख तक चीन अपना
कब्जा करने की पूरी कोशिश कर
रहा है ....जहां तक
सभी कह रहे है हमारे देश की
सीमा का सवाल है और जो अरुणाचल
हो चाहे लद्दाख हो या हिमाचल
इनपर किसी की भी कब्जा करने
का नीयत होगी तो वो कामयाब
नहीं होगा । इस संबंध में हम
लोगों ने सवाल उठाया निश्चित
तौर पर समाजवादी पार्टी ने
...आश्चर्य इस बात
का है कि इस बात को लेकर देशभक्ति
का दावा करने वाली पार्टी,
भारतीय जनता पार्टी
एक शब्द भी नहीं बोली । हमारे
और कांग्रेस पार्ट के बीच बहस
हुई ... तो देश की
सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा
है । जहां तक फौज का मनोबल ऊंचा
है । और फौज के बहुत बड़े अधिकारी
से हमारी बात हुई उन्होंने
कहा कि हमें इजाजत नहीं मिलती
है । और कोई स्पष्ट निर्देश
नहीं मिलता है । मैंने कहा कि
मैं तो रक्षा मंत्री रहा हूं..
हर हफ्ते मीटिंग होती
है उसमें तो सब होते है प्रधानमंत्री
भी होते है और गृह मंत्री भी
होते है तो उन्होंने कहा कि
हर हफ्ते मीटिंग होती है तो
मैने कहा कि आप ने ये सवाल रखा
तो उन्होंने कहा कि हां रखते
है तो क्या जवाब मिलता है..तो
वो चुप रहते है कुछ भी नहीं
बोलते है केवल चुप रहते है...
तो ये सवाल जरूर है जो
देश के हालत है जहां तक गरीबी,
भ्रष्टाचार, मंहगाई
या घोटाला इसी में 5 साल
निकल गए.....आप ने देखा
ऐसा कोई भी सत्र नहीं था इस
सत्र में इन मुद्दों को लेकर
बहस होती ।सरकार की तरफ से कोई
भी नीति या उत्तर नहीं मिला..
वासिंद्र
मिश्र: हम लोग
विदेश नीति की बात कर रहे थे
बाहरी खतरों की बात कर रहे थे
जो हमारी बाहरी सीमाएं है देश
की असुरक्षित है आप भी मानते
है आप ने अभी बताया कि मीटिंग
तो होती है लेकिन कोई निर्देश
जारी नहीं होता है ..सेना
के प्रमुखों को तो आप मानते
है कि पिछले 10 साल
से सरकार चल रही है उस सरकार
में दृढ़ निश्चय की कमी रही
है ..
?
मुलायम
सिंह यादव:पूरी
तरह से... ना तो उसकी
इच्छा शक्ति रही ना तो दृढ़ता
रही ....हमने यहां तक
कहा कि ये डरपोक सरकार है ।
उसका जवाब किसी ने नहीं दिया
। जहां तक ये सवाल है विदेशी
नीति का.... विदेश
नीति इतनी असहनीय है कांग्रेस
के राज में ..आज
हिंदुस्तान का कोई भी दोस्त
देश नहीं है । संबंध अच्छे हो
सकते है लेकिन एक भी देश,
इनका दोस्त नहीं है
। 1962 में जब चीन ने
हमला किया उस वक्त एक लंका देश
था जिसने ये कहा था कि चीन अपनी
सेना को वापस ले जाए । वो लंका
भी आज हिदुंस्तान के साथ नहीं
है । कोई मित्र देश में ही अच्छे
संबंध हो सकते है हालांकि
प्रधानमंत्री ने दुनिया का
बहुत दौरा किया ...संबंध
अच्छे हो सकते है बातचीत हुई
होगी.. लेकिन दोस्त
कोई नहीं है दोस्त वो था जब
अमेरिका ने बेड़ा रवाना किया
हिन्दुस्तान पर तो रूस ने
तुरंत से उधर से कह दिया तो
अमेरिका लौट गया और रुस भी लौट
गया... तो वो संबंध
थे रूस से दोस्ती के थे..कुछ
भी सही विदेशी नीति के मामले
में एक नेता को मैं सदैव स्वीकार
करता हूं सबसे बेहतर थीं इंदिरा
गांधी... विदेश नीति
के मामले में सबसे होशियार
कांग्रेस के अंदर कोई था तो
वो इंदिरा जी ...इंदिरा
जी के बारे में आप देखते है
जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश
के बंटवारे से देश का सबसे
बड़ा खतरा टला । बांग्लादेश
से पाकिस्तान तक पूरी की पूरी
हमारी सीमा सुरक्षित नहीं थी
..तो वो इंदिरा जी
ने तुरंत बंटवारा करा दिया ।
तो विदेश नीति में ज्यादा से
ज्यादा देश दोस्त हों और कम
से कम विरोधी हो.. ऐसी
विदेश नीति सफल होती है ।
वासिंद्र
मिश्र: जो पड़ोसी
देश है वो हमसे नाराज है ..रूस
हमसे बहुत ज्यादा खुश नहीं
है अमेरिका हमारे साथ कभी रहा
नहीं उसकी नीयत हमेशा संदिग्ध
रही.. तुलना में भारत
बाकी मुल्कों की मदद करता
रहा.. क्या आप को
लगता है कि 10 साल ये
जो सरकार चली है ये आतंरिक
मसलों में तो पूरी तरह फेल रही
है वाह्य सुरक्षा का सवाल रहा
है विदेश नीति रही है उसमें
भी पूरी तरह विफल रही है ।
मुलायम
सिंह यादव: पूरी
तरह से.....अब जहां
तक सवाल अमेरिका का है । अमेरिका
कहां है हिंदुस्तान के साथ
नहीं है उसके अच्छे संबंध
पाकिस्तान से है पाकिस्तान
में घुसकर अमेरिका ओसामा को
पकड़ कर ले गया और समुद्र में
फेंक दिया उसके बावजूद पाकिस्तान
के अमेरिका के साथ रिश्ते
खराब नहीं हुए । नाराजगी थोड़ी
दिखाई वो भी खत्म...लेकिन
आज तक पाकिस्तान और अमेरिका
के संबंध बहुत अच्छे है । उन
दोनों की दोस्ती कहिए या समझ
कहिए । मैं आपके माध्यम से
पूछना चाहता हूं .....प्रधानमंत्री
बताएं, विदेश मंत्री
बताएं उनका दुनिया में कौन
से देश दोस्त है ...
वासिंद्र
मिश्र:- नेता
जी इस समय देश में बीजेपी के
पीएम पद के दावेदार है नरेंद्र
मोदी वो भी काफी जनसभाएं कर
रहे है बड़ी बड़ी रैलियां कर
रहे है उनकी जो विदेशी नीति
है उनका जो वाह्य सुरक्षा को
लेकर नजरिया है उसको आप कितना
राष्ट्रीय हित में मानते है
।
मुलायम
सिंह यादव: हमने
तो देख लिया 10 साल
से लगातार कभी भी विदेश नीति
के बारे में ...देश
की सुरक्षा के बारे में ,भारतीय
जनता पार्टी गंभीर नहीं रही
। जो सबसे ज्यादा देश भक्ति
की बात, भावना की
बात करते थे.. कि हम
आगे है तो ये सही है कि पहले
शुरू शुरू में ...जब
पंडित दीनदयाल उपाध्याय थे,
उस वक्त हम मानते है
...एक बार सवाल उठाया
कि आप और दीनदयाल उपाध्याय
के संबंध अच्छे क्यों है ।
लोहिया जी से ये सवाल किया गया
था तो डॉक्टर लोहिया ने ये कहा
कि.. ये बात सही है
हमारे संबंध तीन सवालों को
लेकर सही है.. जहां
तक भाषा का सवाल है भाषा को
लेकर हमारी और बीजेपी या जनसंघ
के समय की नजदीकियां है । दूसरा
देश भक्ति के मामले में भी
दीनदयाल और लोहिया की नीतियां
एक थी जहां तक देश की सुरक्षा
का सवाल है हमारी नीतियां
मिलती जुलती एक है । लेकिन
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के
बाद रास्ता ही अलग हो गया और
पूरी तरह से सत्ता की तरफ ही
चला गया सत्ता किसी तरह हासिल
हो और सत्ता में बीजेपी किसी
तरह से आ जाए बस लक्ष्य है उसका
...ना देश का है ना
किसान का है ना गरीब का है ना
बेरोजगार का है... जहां
तक मायावती का सवाल है मायावती
के बारे में उनकी नीति अभी तक
पता नहीं चली है और अल्पसंख्यक
विशेष कर मुसलमान देश के विकास
के लिए और देश की रक्षा के लिए
बढ़कर आ गए है और 80 फीसदी
दस्तकारी भी अल्पसंख्यकों
के हाथ में है ।
वासिंद्र
मिश्र: आप ने
चर्चा की ...पंडित
दीनदयाल और उनकी विचारधारा
की जो नई पीढ़ी है,..सोशल
मीडिया, इंटरनेट
वाली उसका ये कहना है कि पंडित
नेहरू और इंदिरा जी का नाम
लेकर कांग्रेस राजनीति करती
है लेकिन उसकी प्रैक्टिस की
बात करें और कांग्रेस को अपने
कार्यक्रमों में लागू करने
की बात करें तो कांग्रेस के
नेता जो मौजूदा नेता है वो
कोसों दूर हैं । आपने ये कहा
कि जो इंदिरा जी की नीति थी वो
बिल्कुल सही थी जहां तक विदेश
नीति का सवाल है । दीनदयाल जी
के बारे में चर्चा की कि बीजेपी
के मौजूदा जो कर्ताधर्ता हैं
जो उनकी फिलॉसफी रही है वो
उससे कोसों दूर हैं । इसी तरह
के आरोप आपकी पार्टी पर भी लग
रहे हैं । आप भले ही डॉ लोहिया
की विचारधारा उनके दर्शन को
आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे
हैं लेकिन आपकी पार्टी पर भी
ये आरोप लग रहे हैं कि समाजवादी
पार्टी डॉ लोहिया का खाली नाम
लेती है लेकिन जब इसे लागू
करने की बात आती है तो कांग्रेस
बीजेपी और एसपी तीनों विचारधारा
की राजनीति से दूर हटती नज़र
आ रही है...इस पर आपका
क्या कहना है
मुलायम
सिंह यादव: जहां
तक डॉ लोहिया की नीतियों का
सवाल है उसे शत प्रतिशत समाजवादी
पार्टी कर रही है आप देखेंगे
कि ये नारा हम लोग देते थे रोटी
कपड़ा सस्ती हो और दवा पढ़ाई
मुफ्त हो ....ये लोहिया
जी ने दिलवाया था तो आज आप उत्तर
प्रदेश में देखें कि पढ़ाई
भी मुफ्त है और दवाई भी मुफ्त
है....रोज़गार दिया....
नहीं तो बेरोज़गारी
भत्ता दिया ...रोज़गार
भी दे रहे हैं अभी आचार संहिता
लगी है ...शिक्षकों
के चुनाव जो हो रहे हैं स्नातक
के उसको लेकर भी है । और इस
चुनाव के बात फिर आचार संहिता
हटेगी तो देखेंगे कि समाजवादी
सरकार लोहिया जी के उन विचारों
को जो वो चाहते थे वहीं सब कर
रहे हैं । भाषा को लेकर जो उनका
जो रुख था.. जो हमारी
भारतीय भाषा का विकास हो केवल
हिंदी का नहीं ....भारतीय
भाषा के विकास की बात ..
भारतीय
भाषाओं को लेकर समाजवादी
पार्टी लगातार संघर्ष कर रही
है..लोकसभा के अंदर
और बाहर दोनों जगह संघर्ष कर
रही है और जितने उनके कार्यक्रम
थे भाषा के सवाल को लेकर,
बेरोजगारी के सवाल
को लेकर देशभक्ति के सवाल को
लेकर पार्टी लोहिया जी के
विचारों पर ही चल रही है । जो
पार्टी की नींव बनी हो वो डॉक्टर
लोहिया जी के नाम से ही बनी है
। उन्हीं का नाम लेकर हमने ये
कहा कि हम इस आधार पर चलेंगे
और चल रहे हैं । रोज़गार
दो..बेरोज़गारी
भत्ता दो...महिलाओं
को आगे ले जाने की बात कही....
महिलाओं को आगे नहीं
ले जाएंगे तब तो हमारा देश आगे
नहीं बढ़ेगा ....इसी
को लेकर कन्या विद्याधन दे
रहे हैं । लड़कियों को पढ़ाई
लिखाई में आगे ले जा रहे हैं
....एक एक कार्यक्रम
लोहिया जी के विचारों पर चल
रहे हैं ....और ऐसे
दूसरे भी कार्यक्रम हैं जिन
पर लोहिया जी ने ज्यादा चर्चा
नहीं की उसी आधार पर समाजवादी
पार्टी और काम कर रही है.....
....................................BREAK....................
वासिंद्र
मिश्र: नेता
जी हम बात कर रहे थे कि विचारधारा
की बात हो रही थी..डॉ
लोहिया, इंदिरा जी
और दीनदयाल जी की बात हो रही
थी...इस समय चर्चा
हो रही है...डेवलपमेंट
की..सकारात्मक
मु्द्दों की...तमाम
बुरे काम. जिनको
करके अलग अलग राजनीतिक दल
सत्ता तक पहुंचे हैं..2014 के
चुनाव में वो अपना एक नया मुखौटा
लेकर जनता के बीच में जा रहे
हैं...डेवलमेंट के
बारे में आपका क्या नजरिया
है..इस समय देश के
सामने तीन तरह के डेवलपमेंट
का मॉडल है...एक
डेवलमेंट जो आपने सोचा था..आपकी
सरकार बनी है ..आप
उसको लागू करने की कोशिश कर
रहे हैं... एक डेवलेपमेंट
जो दीन दयाल जी का था..गांधी
का था..एक डेवलेमेंट
जो पंडित नेहरू का था... एक
डेवलेपमेंट जिसकी परिकल्पना
इस समय नरेंद्र मोदी कर रहे
हैं..पूरे देश में
घूम-घूम कर ..आपको
लगता है जो नरेंद्र मोदी का
मॉडल ऑफ डेवलेपमेंट है...वो
सही है.. या डॉ लोहिया
या आपका मॉडल ऑफ डेवलमेंट है..
वो ठीक है...या
जो मनमोहन सिंह, इंदिरा
जी..या हम कहें कि
राहुल गांधी का जो ड्रीम है..कौन
सा डेवलमेंट का मॉडल देशहित
में ज्यादा है...आपकी
नजर में.
मुलायम
सिंह यादव:देश
का विकास ,.किसान
के स्वतंत्रता, तरक्की
पर ही निर्भर करता है.. 72
फीसदी खेती लोगों के
पास है..और आज 65
फीसदी किसान अपने
हाथों से खेती कर रहा है...
और जिन देशों में
किसानों को बढ़ावा दिया है..वही
देश आगे निकले हैं... अमेरिका
ने सबसे पहले किसानों पर
स्वतंत्रता लाने का काम किया
था...और सबसे पहले
गेहूं की जो पैदावार थी...वो
दो जगह थी...एक तो
अमेरिका और एक ऑस्ट्रेलिया..वो
गेहूं ..ऐसा एक समय
आया कि हिंदुस्तान खरीद कर
खा रहा था.. जब संकट
आया एक बार..और वो
लाल-लाल गेहूं
था...उसकी रोटी फंस
जाती थी...याद होगा
हम लोग बच्चे थे..रोटी
फंस जाती थी..तो जहां
तक सवाल है,,देश को
आगे बढ़ाने का..किसान
आगे बढ़ेगा..तो देश
आगे बढेगा.. दूसरी
तरफ दस्तकारी..80 फीसदी
दस्तकार हैं..जो
दस्तकारी करने वाले लोग
हैं..हिंदस्तान में
आज भी दस्तकारी 80 फीसदी
मुसलमान कर रहा है... 80 फीसदी..हम
लोग जो कपड़े पहने हैं..बाल
काटने वाला का काम है..चाहे
कपड़ा बनाने का...चाहे
सिलाई का हो.. और
चाहे आपके हथियार बनाने का
हो..चाहे मोटर बनाने
का हो..कार बनाने
का..ट्रक बनाने
का..मिसाइल तक कलाम
ने बनाई...वो जनक
कहलाते हैं मिसाइल के..तो
हथियारों से लेकर देश की सज्जा
तक..अब्दुल हमीद से
लेकर और कई ऐसे हैं...जो
देश के लिए शहीद हुए हैं..तो
ये जो मानसिकता है...बीजेपी
की है..या अन्य दलों
की है..उऩकी नीयत
और नीति साफ नहीं है..और
समाजवादी पार्टी की नीति और
नीयत साफ है...जहां
तक सवाल नीयत का है..अगर
नीतियां खराब हैं..और
नीयत सही है..तो काम
चल जाएगा...और अगर
नीतियां बहुत अच्छी है...और
नीयत खराब है...तो
कोई काम नहीं चलेगा..तो
इनकी नीयत नहीं..चाहे
बीजेपी हो..चाहे
कांग्रेस हो..इनकी
नीयत कभी अच्छी नहीं रही...उसी
का परिणाम है कि देश हमारा..बहुत
आगे जाने चाहिए था..वो
देश पीछे रहा...क्योकि
आप देखेंगे..जो ये
मामला चीन वाला है...चीन
के सवाल को लेकर लगातार समाजवादी
पार्टी..डॉ लोहिया
से लेकर लगातार कहते रहे कि
खतरा है इससे..और
हमने कई बार सवाल उठाया..10-15
साल से लगातार लोकसभा
में जब भी गए...तो
सीमा के सवाल को उठाया..लेकिन
पता नहीं ये सरकार कितनी डरपोक
है.. क्या है..सेना
तो बहादुर है..सेना
के बारे में मैंने कहा था कि
एक बड़े अधिकारी से बात हुई
एक फंक्शन में ...तो
साफ है कि स्थिति ब़ड़ी गंभीर
है.. लेकिन 62 की
स्थिति हम नहीं होने देंगे...
ये बहुत बड़े अधिकारी
का कहना था..राय
थी..तो मैंने कहा
सरकार का क्या है निर्देश..तो
बोलते ही नहीं..अभी
तक निर्देश कोई नहीं..तो
ये जो सरकार की नीतियां हैं
या ,,नीयत है कि पता
नहीं चला रहा कि क्या है..केवल
ये सरकार अपना हाथ रखना चाहती
है..इसके अलावा कोई
लक्ष्य कांग्रेस पार्टी का
नहीं रहा...और यही
बीजेपी का है.. बीजेपी
के लोग जो कर रहे हैं..वो
केवल सत्ता पाने के लिए..
बताएं मोदी साहब ने
कौन सा डेवलमेंट किया..कब
किया...एक काम बता
दें....हमको उन्होंने
कहा कि नेताजी भीड़ से मुकाबला
मत करो..विकास की
बात कीजिए..तो हमने
कहा कि क्या पढाई की व्यवस्था
है...दवाई की व्यवस्था
है...यहां पर कैंसर
है..या किडनी है..या
दिल की बीमारी है..जो
गंभीर बीमारियां है...उनके
लिए मुफ्त इलाज किया जाएगा..ये
सरकार का फैसला है.. और
मैंने सब सभा में कहा था कि
जानकारी आपको होनी चाहिए..कि
गंभीर बीमारियों के लिए कोई
परेशानी हो..तत्काल
हाजिर हों...हमने
यहां पर सरकार से...मुख्यमंत्री
से भी कह दिया..कि
एक अफसर ऐसा हो कि जिसे पूरे
प्रदेश की जनता जान जाए..
कि गंभीर बीमारी के
लिए हमें उस अफसर के पास जान
होगा..तो मदद हो
जाएगी...तो ये नीतियां
हैं समाजवादी पार्टी की..ये
नीतियां पूरे देश में किसी
सरकार के पास नहीं हैं..समाजवादी
पार्टी ने जो काम किया है..
इतनी जल्दी..पूरा
का पूरा सिंचाई का इंतजाम हुआ
है...एक भी खेत सिंचाई
से वंचित नहीं रखा है इस सरकार
ने ..जिसमे पानी ना
पहुंचा हो.. पानी
पहुंचाया...कर्जा
माफ किया...जिससे
किसान की जमीन नीलाम हो जाती..
भूमि का कर्जा तब देती
है..रजिस्ट्री करा
लेती है..जब पूरा
कर्जा माफ हो जाता है..तब
जाकर के वो मालिक बन पाता
है...समाजवादी सरकार
ने उत्तर प्रदेश में प्रतिबंध
लगा दिया कि किसी भी किसान की
जमीन नीलाम नहीं हो सकती
है..चाहे जितना कर्जा
हो..अब जब देखा कि
कर्जा काफी है किसानों का..तो
साढ़े 16 सौ करोड़
रुपया माफ कर दिया..सिंचाई
मुफ्त कर दी....550 करोड़
के आसपास सिंचाई व्यवस्था
की..ये सुविधाएं
हिंदुस्तान की किसी सरकार
ने.. किसी राज्य में
नहीं हैं...जो सुविधाएं
उत्तर प्रदेश के अंदर हैं..लेकिन
एक षडय़ंत्र है.. बड़ा
प्रदेश है..पार्लियामेंट
के सबसे ज्यादा मेंबर हैं..तब
खतरा है सबको....बीजेपी
को भी खतरा है...कांग्रेस
को भी खतरा है...जहां
तक वामपंथी दलों का सवाल
है..वामपंथी दल फिर
भी समाजवादी पार्टी की नीतियों
की बात करते हैं कि अच्छा काम
हुआ है..
वासिंद्र
मिश्र:--आपको
ऊपर ये आरोप लगता है कि आप
बेरोजगारी भत्ता देकर..कर्ज
माफ करके..मुफ्त
में इलाज की सुविधा देकर लोगों
को आलसी बनाते हैं..आप
पैरासाइट बनाते हैं...सरकारी
खजाने को लुटाते हैं, आप...अपने
वोट बैंक को पक्का करने के
लिए...
मुलायम
सिंह यादव:वोट
बैंक का सवाल नहीं है...सरकार
की जिम्मेदारी है जनता को
सुविधाएं देना.. सरकार
का लक्ष्य क्या है...टैक्स
लगा दो.. और कई तरह
के और किसानों का और गरीबों
का..टैक्स लगाकर
खजाना भर दो..ये
खजाना किसका है...जनता
का खजाना है,...समाजवादी
पार्टी ने हमेशा नारा दिया
है...जनता का पैसा
जनता के लिए ..ये
खजाना पूरा जनता का है..तो
जनता को ही खर्च करना चाहिए...जनता
के पास ही खजाना खर्च हो...
कोशिश कर रहे हैं..और
ये कहीं कोशिश नहीं है..हिंदुस्तान
का..ये आपसे आज मैं
कह रहा हूं...सरकार
में जो बैठे लोगों से या अन्य
भी दल है उनसे..क्या
ये सुविधा कहीं है...किसान
का कर्जा माफ किया है क्या,,,सिंचाई
...पढ़ाई,,,दवाई
की व्यवस्था की है क्या...और
क्या लड़कियों को कन्या विद्य़ाधन
दिया...जो आज सबसे
ज्यादा पीछे हुई है...तो
हिंदुस्तान में महिला है...
42 फीसदी पढ़ी लिखी थी
पिछली सरकार में जब हमारी
थी..और अब आप
देखेंगे...कॉलेजों
में जाइए...ये हालत
है कि कहीं-कहीं अब
तो इस बार का नहीं उससे पहले
लड़कियां ज्यादा थीं..लड़के
कम थे...हमारे कॉलेज
में..उसमें 52 फीसदी
लड़कियां थीं..और
60 फीसदी लड़के थे...जब
से ये कन्या विद्य़ाधन दिया
गया...वो सुविधा दी
है..तो लड़किया पढ़ने
के लिए आगे निकली हैं. अब
किसी कॉलेज में खड़े हो जाइए..अब
लड़कियों की तादाद दिखाई
देगी....तो समाजवादी
सरकार ने उन सारी नीतियों को
चलाया है..जिससे
देश बदला है..समाज
में एकता हो,...महिलाओं
और पुरूषों के बीच ज्यादा दूरी
ना हो..
वासिंद्र
मिश्र:तो महिलाओँ
का आरक्षण लागू क्यों नहीं
देने देते हैं आप..
मुलायम
सिंह यादव: नहीं
आरक्षण तो हम चाहते हैं...आरक्षण
के पक्ष में हैं...ये
बड़ा अच्छा सवाल कर दिया..हमारा
कहना है कि उस वक्त मैंने कहा
था कि महाराष्ट्र से लेकर पूरे
देश में इतने सूबे हैं..और
गुजरात से लेकर यहां चले
जाइए...उस समय एक भी
मुसलमान उस इलाके में लोकसभा
के अंदर नहीं था... तो
जो मुसलमान महिलाएं उनको अवसर
दीजिए..ये सवाल
था...और फिर सबको
आरक्षण दीजिए..महिलाएं
पीछे रह गईं...इनके
आरक्षण की बात कही थी...महिलाओँ
के आरक्षण के खिलाफ नहीं है
समाजवादी पार्टी..ये
है कि मुसमलानों की, महिलाओँ
की..पिछड़ों की..दलितों
की महिलाएं जो पीछे हैं...जो
खेती का काम करती हैं. और
जाकर मजदूरी करती हैं..इनको
विशेष सुविधा दीजिए... तो
उन्हें विशेष सुविधा के नाम
पर ये हट गए पीछे...और
चुप रह गए..जवाब ही
नहीं दिया...ये मांग
हमारी आज भी है कि महिलाओं का
आरक्षण हो..लेकिन
इनका अवसर अलग तरीके का हो..
वासिंद्र
मिश्र:नेताजी
मुसलमानों के बारे में भी
बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि
आप और कांग्रेस दोनों बीजेपी
का डर दिखा कर मुसलमानों का
वोट लेते हैं..आप
सकारात्मक मुद्दों पर मुसलमानों
का साथ नहीं लेते हैं..आप
बीजेपी का डर दिखाते हैं..कि
अगर तुम मुझे वोट नहीं दोगे...तो
बीजेपी सत्ता में आ जाएगी...तो
ये डर दिखा के,..किसी
का खौफ दिखाकर अगर आप मुसलमानों
को अपने साथ बनाए रखे हैं..तो
ये कितना उचित है...
मुलायम
सिंह यादव:जहां
तक कांग्रेस का सवाल है.
मुसलमानों की जो आज
बुरी हालत है..वो
कांग्रेस के कारण है..सच्चर
आयोग की रिपोर्ट तो आपने देख
और पढ़ भी ली होगी... सच्चर
ने लिखा है कि सबसे ज्यादा
हालत खराब मुसलमानों की है..
अनुसूचित जाति--अनुसूचित
जनजाति से भी हालत खराब मुसलमानों
की है..गरीबी
से..निरक्षरता से..
और बहुत खाली पेट
..मुसलमान हैं...
इसलिए विशेष सुविधा
इनको देनी पड़ेगी...तो
सच्चर कोई मुसलमान तो है
नहीं..कोई समाजवादी
पार्टी का तो है नहीं..लेकिन
कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक
हो गए हैं...और महिला
बिल को वो है जो छोड़ दिया...तो
हमारी मांग थी कि इन वर्गों
को विशेष सुविधा दी जाए..इनको
आरक्षित कर दिया जा..और
महिला आरक्षण आप लागू कीजिए..
हम महिला आरक्षण के
पक्ष में हैं...लेकिन
इनकों तो दीजिए सुविधा
विशेष...मुसलमानों
को भी दीजिए..पिछड़ों
को भी दीजिए.. और
दलितों को भी..ये
पीछे हैं ही सब...
वासिंद्र
मिश्र:तो चाहे
रंगनाथन मिश्रा कमीशन की
रिपोर्ट हो...
मुलायम
सिंह यादव:रंगनाथ
मिश्रा ने भी.. यही
लिखा कि मुसलमानों की हालत
खराब है..तो मुसलमानों
की हालत जब खराब है...तो
विशेष सुविधा देनी पड़ेगी...
वासिंद्र
मिश्र:नेताजी
बीजेपी के लोग कहते हैं कि अगर
कांग्रेस की अगुवाई में जो
सरकार चल रही थी कि अगर इतना
ज्यादा खराब थी..बाह्य
सुरक्षा नहीं कर पा रही थी..आंतरिक
सुरक्षा को खतरा बढ़ रहा
है..अल्पसंख्यकों
के बारे में उसकी नीति ठीक
नहीं थी...तो दस साल
तक आप उस सरकार को क्यों चलाते
रहे..
मुलायम
सिंह यादव:हमने
कहां चलाया...
वासिंद्र
मिश्र:सरकार
तो आपके समर्थन से चलती रही...
मुलायम
सिंह यादव:नहीं
कभी समर्थन नहीं किया..कितने
मुद्दें हैं..जिन
पर हमने वोट खिलाफ किया..पहले
जब ये दोनों जब एक हो गए..तो
वहिष्कार... इन दस
सालों में आपने देखा..असली
मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस
एक हो गए... अकेली
समाजवादी पार्टी खड़ी रह गई...
एक-आध और
दल ने हमारा साथ दिया....वामपंथी
दलों ने साथ दिया..और
ये दोनों खड़े एक ही रहे..अभी
आपने देखा लिया सदन जो बंद
हुआ..(तेलंगाना के
सवाल पर..) जबकि
समाजवादी पार्टी बड़े राज्यों
के पक्ष में है...मैंने
सोनिया जी का नाम लेकर कहा कि
सोनिया जी नेहरू जी बड़े राज्यों
के पक्ष में थे..आप
पढ़ लीजिए..पता लगा
लीजिए..तो आप नेहरू
जी का नाम तो लेते हैं..कि
उनकी नीतियों के खिलाफ चल रहे
हैं...छोटे राज्य
जितने होंगे..उतने
ही देश के लिए खतरनाक हैं.
और जो बड़े राज्य हैं
उनमे कानून व्यस्था कंट्रोल
हो जाता है.. अब देखिए
छत्तीसगढ़ में क्या हुआ...छोटा
राज्य था इसलिए हुआ... बड़े
राज्यों में थोड़ी कोशिश
की..एक जगह ही कंट्रोल
कर लिया..और मौके
पर चला गया..मैं खुद
मौके पर चला गया...
वासिंद्र
मिश्र:नक्सलवाद
की जो समस्या है..ये
छोटे राज्यों की वजह से ज्यादा
गंभीर होती जा रही है..
मुलायम
सिंह यादव:हां
छोटे राज्यों के पास इतना
सुरक्षा बल नहीं है..और
लुटेरों के पास कितना सुरक्षा
बल है..जब यहां पर
सोनभद्र में हुआ था...हम
मौके पर चले गए थे....लेकिन
कारण क्या था..वहां
पर तीन चार पीढ़ी से घर में रह
रहे थे...तो घर दूसरे
के नाम..न पुल न
पुलिया...ना स्कूल
न अस्पताल..कुछ भी
नहीं..था..और
फिर हमने अफसर भेजा ..बैठक
की..जो खेत जोतते
थे..जिनका कब्जा
था..उन्हीं के नाम
करा दिया...मकान उनके
नाम करा दिया..पुल
और पुलिया.. सड़क
बन गई..और स्कूल और
अस्पताल भी खोल दिए..और
200 रुपया अतिरिक्त
दिया..फिर हम मौके
पर गए... एक लड़की
थी वासवती..उसको
बुलाया हमने कहा.. आप
खड़ी हो...पूरी सुविधा
दे दी..जो मांगा था
उससे 200 रुपये और
ज्यादा दे रहे हैं....मैं
जानता नहीं हूं..मैं
बोला ये कह दो कि आज से समाज
विरोधी कोई काम नहीं करेंगे..उसने
इतना कह दिया...अब
उसका परिणाम ये है कि वही के
वही नक्सलाइट एक लोकसभा में
है समाजवादी पार्टी से...एक
एमएलए है...पकौड़ी
लाल एमएएल हैं..एक
और वो हमारा एमएलए है..और
पक़ौड़ी लाल लोकसभा में है..और
खड़ा किया मैंने लोकसभा के
अंदर...छत्तीसगढ़
में हुआ..हम कहे
सीखिए....ये देखो
पकौड़ी लाल खड़ा है...ये
सबसे बड़ा नक्सलाइट था लीडर
था...देखो लोकसभा
में बैठा है...मुख्य
धारा से जुड़ गया...अब
है कही नक्सलाइट उत्तर प्रदेश
के अंदर...उनकी
समस्याएं हैं...उनकी
समस्याओं का हल कर दिया जाए..तो
कोई सवाल ही नहीं...वहां
पता होगा कि उनके पास खेती ही
नहीं है...उनके पास
कोई धंधा नहीं...नौकरी
नहीं...रोजगार
नहीं...पढ़ाई नहीं..कुछभी
नहीं... तो क्या
करें...
वासिंद्र
मिश्र: एक और
जो सबसे बड़ी समस्या देखने
को मिल रही है..-जहां
जहां नक्सल प्रभावित इलाके
है..कि वहां के जो
नैचुरल रिसोर्स है..उसका
दोहन हो रहा है...और
उसका जो लाभ वहां के लोकल लोगो
को मिलना चाहिए..नहीं
मिल रहा है..बाहरी
लोग वहां से जो प्राकृतिक
संपदा है..उसको लूट
के ले जा रहे हैं...और
लोकल लोग उनसे वंचित हैं..
उनको वो सुविधा नहीं
मिल रही है..वन कानून
के नाम पर उनका उत्पीड़न हो
रहा है..जो आपने
बताया कि विकास की वहां कोई
दूर-दूर तक कोई
संभावना दिख नहीं रही है...तो
आपको लग रहा है कि इसके लिए
वहां की सरकारें हैं..वो
बराबर की जिम्मेदार हैं..नक्सलवाद
उन राज्यों में बढ़ रहा है...तो
क्योंकि इन राज्यों की सरकारें
रिफॉर्म नहीं कर रही हैं..
मुलायम
सिंह यादव:- जिम्मेदार
है...हमने राहत भेजी
है..हमने अफसरों को
भेजा...उन्हे सुविधा
दी..फिर मौके पर मैं
गया..और उसके बाद
जब उनको सुविधा दे दी.. पुल
पुलिया बनना शुरू हो गया...अस्पताल
बनना शुरू हो गया..स्कूल
बनना शुरू हो गया..और
भी जो उनकी समस्याएं थीं..सब
हल कर दीं. उसके बाद
हमने जाकर के शिविर लगाया..शिविर
चला..सबने रोका और
कहा कि रात को यहां पर मत
ठहरिये..और हम रात
को वहीं ठहरे..और
सब नक्सलाइट जितने थे. सब
आए..सबको समझाया..पूरा
का पूरा खत्म नक्सलाइट..एमएलए
हैं...एमपी लड़ रहे..और
मैंने बता दिया और ज्यादा जीत
सकते हैं..एमएलए और
ज्यादा जीतकर आ गए थे..अभी
और पार्लियामेंट का मेंबर भी
हो गया..
----------------------------
वासिंद्र
मिश्र: नेता
जी हम बात कर रहे थे कि इस समय
चुनाव प्रचार शुरू हो गया है
। 2014 के चुनाव में
कामयाबी के लिए नरेंद्र मोदी
तूफानी दौरा कर रहे है और यूपी
सबसे बड़ा सेंटर है बीजेपी
के लिए ऐसी स्थिति में आप के
सामने बहुत बड़ी चुनौती है
कि उसको देखते हुए उत्तर प्रदेश
में किस तरह की तैयारी कर रहे
नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए
।
मुलायम
सिंह यादव: जहां
तक नरेंद्र मोदी का सवाल है
मोदी से ने पहले बड़े उतावलेपन
के साथ दौरा किया था..अब
वो समझ गए कि मोदी का यूपी में
कोई खास प्रभाव पड़ा नहीं..
शुरू शुरू में भीड़
हुई तो वो एक तरफा भीड़ थी..
तब इन्होंने कहा कि
मुलायम सिंह भीड़ का मुकाबला
ना करों ..हमारी भीड़
ज्यादा होने लगी । विकास की
बात की । वो तो अच्छी बात थी
तो मैने कहा कि मोदी साहब भीड़
में तो आप हार गए अब विकास की
बात कर रहे है आप जो मैने ये
सवाल रखा.. जो आपके
सामने रख रहा है.. क्या
आपने गुजरात में सिंचाई मुफ्त
की है क्या पढ़ाई मुफ्त की है
क्या दवाई मुफ्त की है क्या
बेरोजगारी का भत्ता दिया है
क्या कन्या विद्याधन दिया है
जितना आप का बजट है वो तो ऐसे
ही जनता के जेब में जा रहा है
अब जो विकास की बात कर रहे हो
तो हमारे उत्तर प्रदेश में
पूरा का पूरा किसान को सिंचाई,
पढाई और दवाई मुफ्त
की......तो कई सुविधाएं
किसानों की हमने उनको गिनाई
और पूछा कि एक भी काम किया है
तो बता दो.. आजतक
जवाब नहीं आया । सभाएं उनकी
हो रही है सभा में हम उनसे सवाल
करते है अब आप आए है सुनते तो
वो सब है और ज्यादा सुनते है
बताते है मैने पूछा गुजरात
के कुछ मीडिया से साहेब आप का
सवाल पूरे के पूरे यहां छपे
भी है ..मोदी साहब
हमारे सवालों का जवाब नहीं
दे रहे है ये केवल प्रचार था
और सच्चाई ये है कि मीडिया और
बड़े उद्योगपतियों के चलते
मोदी का झूठा प्रचार हो रहा
है वो उनके साथ है ..कांग्रेस
का मनोबल टूट गया है गुजरात
में वो मोदी का मुकाबला नही
कर पा रही है जो बड़ा नेता माना
जाता है गुजरात का जो पक्का
पॉलिटिकल एडवाइजर है कांग्रेस
अध्यक्ष का.. वो क्या
कर रहा है कांग्रेस पार्टी..
उनका मुकाबला कर ही
नहीं पा रही है । अब लोग कहते
है कि कांग्रेस के कुछ लोग हैं
वो बीजेपी और मोदी से मिले हुए
है
वासिंद्र
मिश्र: क्या
वो लोग कांग्रेस अध्यक्ष के
सलाहकार है
मुलायम
सिंह यादव: कई
लोग हैं कांग्रेस के जो चर्चा
करते है.. कांग्रेसी
जरूर महसूस करते है ।
वासिंद्र
मिश्र: नेता
जी तीसरे मोर्चे की हर चुनाव
के पहले बात होती है..एक
बार फिर बात शुरू हुई है..तीसरे
मोर्चे की..अभी
दो-तीन बैठके भी
हुई हैं दिल्ली में...25 तारीख
को फिर बैठक है..कितना
गंभीर प्रयास आपको लगा रहा
कि तीसरा मोर्चा बन पाएगा..
मुलायम
सिंह यादव: चुनाव
के बाद हमेशा मोर्चा बना है..और
मोर्चा बनाना पड़ेगा...अच्छा
हो चुनाव से पहले बन जाए...और
चुनाव के बाद तो मोर्चा बनेगा
ही...और जितने भी
मोर्च बने हैं..वो
चुनाव के बाद ही बनते हैं..
अभी तो टिकट को लेकर
ही आपसी विवाद हो जाएगा..अब
जीत के जब आएंगे...कौन
कितनी सीटें जीतकर आएगा..उऩका
मोर्चा बनेगा...ऐसा
मेरा भी प्रयास होगा... और
वामपंथी दल तो लगे हुए हैं..तो
उनको तो हम लोग समर्थन दे ही
रहे हैं..
वासिंद्र
मिश्र: एनडीए
और यूपीए की तुलना में अगर हम
सारे सर्वे रिपोर्ट को किनारे
कर दे तो आप की नजर में किसकी
संख्या ज्यादा आने वाली है
लोकसभा चुनाव में...
मुलायम
सिंह यादव:संख्या
किसकी कितनी आएगी लेकिन ये
सही है न कांग्रेस और ना ही
बीजेपी को बहुमत मिलेगा ।
बहुमत तो तीसरे मोर्चे वालों
का ही आएगा । अगर ये एक हो जाएंगे
तो बहुमत इनका ही होगा ..
वासिंद्र
मिश्र: आप को
लग रहा है कि नरेंद्र मोदी देश
के प्रधानमंत्री नहीं बन
पाएंगे
मुलायम
सिंह यादव: सवाल
ही नहीं....उन्हें
समर्थन कौन देगा ? बहुमत
तो आ नहीं रहा...बहुत
ज्यादा सीटें जीतेंगे...तो
200 पार तो कर नहीं
पा रहे....आज भी जो
भी आंकड़े सामने आ रहे हैं..कि
ये सही है कि सीटें कुछ बढेंगी..
उऩ्होंने मेहनत की
है...तो सीटें तो
बढ़ेंगी हीं...और
सीटें बढ़ भी जाएंगी...और
मान लीजिए अगर 200 भी
पहुंच जाएंगी...तो
उनका समर्थन कौन करेगा..
वासिंद्र
मिश्र: कहा जा
रहा है कि ममता बनर्जी ,बीजू
जनता दल के नवीन पटनायक या
तमिलनाडु की जो ममुख्यमंत्री
हैं जयललिता ..ये
सभी नरेंद्र मोदी के साथ चले
जाएंगे..चुनाव के
बाद...
मुलायम
सिंह यादव:जयललिता
तो वामपंथी दलों के साथ है..ममता
जी तो वैसे ही नहीं करेंगी...सवाल
ही नहीं उठता
वासिंद्र
मिश्र: शायद
वाममोर्चे के झगड़े के नाते
कर दें एऩडीए को समर्थन.
मुलायम
सिंह यादव:उनका
तो बहुमत है..सरकार
उऩकी है..तो वामपंथी
दलों का क्या मतलब,,वामपंथी
दल तो वहां हार गए हैं...ममता
जी तो जा ही नहीं सकती बीजेपी
के साथ...
वासिंद्र
मिश्र: बिहार
की क्या स्थिति है नेताजी...नीतीश
और लालू में कोई तालमेल करना
हो..तो आपकी नजर में
कौन बेहतर एक डिपेंडेंबेल
पालिटिकल एलाई दिखाई देता
है..
मुलायम
सिंह यादव:अब
वो तो बाद में ही तय करेगे...लेकिन
एक नेता का भरोसा ही नहीं है..कब
कहां जाएंगे.. कोई
भरोसा ही नहीं है..
वासिंद्र
मिश्र:आपको
लगता है कि इतिहास में राजनीति
में जिसको आप हम कह सकते है कि
स्थापित करते हैं..वही
बाद में आपका सबसे ज्यादा
विरोधी हो जाता है...
मुलायम
सिंह यादव:वो
तो हरदल में हो जाता है..हमारे
यहां ज्यादा हो जाता है..
वासिंद्र
मिश्र:समाजवादियों
में ज्यादा हो जाता है.
मुलायम
सिंह यादव:नहीं
जिसको बढ़ाते हैं..वो
भाग जाता है..
वासिंद्र
मिश्र:नहीं
लालू जी को भी मुख्यमंत्री
सबसे पहले आपने बनवाया था..
मुलायम
सिंह यादव:बनवाया
था..बन ही नहीं सकते
थे...
वासिंद्र
मिश्र: आप
ऑब्जर्वर होकर गए थे..
मुलायम
सिंह यादव:नहीं
अगर हम पर्यवेक्षक होकर गए
होते...और देवराज
जी ने ज्यादा जोर न दिया होता
हमपे..और अगर पूरी
तरह निष्क्ष भी जाते..नहीं
बन सकते थे..22 विधायक
ऐसे थे..जो पूरी तरह
हमारे साथ थे.. हमारे
ही थे..तो वो तैयार
ही नहीं थे...तो उनको
समझा बुझाकर मैंने 22 वोट..हमारे
पास नहीं रहा होगा..डब्बा
पूरा रहता है... 9 वोट
से जीते थे लालू जी
वासिंद्र
मिश्र:तो आप
ये मानते हैं कि आपने लालू को
मुख्यमंत्री बनाने के लिए
बेईमानी की थी बिहार में जाकर..
मुलायम
सिंह यादव:बेईमानी
तो नहीं ही की थी...पर्यवेक्षक
होकर हमें नहीं कहना चाहिए
था..
वासिंद्र
मिश्र:पक्षपात
किया था.
मुलायम
सिंह यादव:टिकट
दिलाया ही था हमने उन्हें...और
22 जीते थे.. तो
22 को कहकर के वोट
हमने दिलावाया था.. लेकिन
उन लोगों ने साफ कहा था.. कि
ये अच्छा मौका है कि हमें लड़ने
दो... ये अपने आप हार
जाएगा.. और वरना ये
बड़ा घातक होगा आपके लिए...
वासिंद्र
मिश्र:तो उनकी
बात सच निकली..आपको
प्रधानममंत्री बनते-बनते
रोका उन्होंने... अगर
लालू ने विरोध नहीं किया
होता...तो आप देश के
प्रधानमंत्री होते--
मुलायम
सिंह यादव:अब
वो तो ही चुका है..निर्णय
हो चुका था..और तय
हो गया था सबकुछ..
वासिंद्र
मिश्र:तो अब
लालू प्रसाद जी को क्या परेशानी
है आपसे..बिहार में
तो उनकी स्थिति बड़ी खराब है..
मुलायम
सिंह यादव:अब
वो कांग्रेस के साथ चले गए.
वासिंद्र
मिश्र:अब तो
रामविलास भी उनको छोड़ रहे
हैं...नही जा रहे
रामविलास भी उनके साथ..
मुलायम
सिंह यादव: अब
देखिए अखबार में आया है कि
नहीं जा रहे हैं..मगर
कोई भरोसा नहीं है..कौन
कहां जाए..
वासिंद्र
मिश्र:अगर चुनाव
के बाद लालू जी एक बार अपनी
गलती मानकर आपके साथ आना
चाहे..तो आप क्या
फैसला लेंगे.
मुलायम
सिंह यादव:नहीं
वो तो कांग्रेस के साथ है..उनका
आने का सवाल ही नहीं..
वासिंद्र
मिश्र:चुनाव
के बाद
मुलायम
सिंह यादव:चुनाव
के बाद भी नहीं आएंगे.. वो
नहीं आएगा...
वासिंद्र
मिश्र: और नीतीश
को क्या लगता है आपको..नीतीश
आप लोगों के साथ आएंगे..या
फिर चले जाएंगे बीजेपी के साथ
मुलायम
सिंह यादव: नीतीश
का तो वैसे ज्यादा नहीं है..नीतीश
कोई कंट्रोवर्शियल नहीं
हैं..जहां हैं वहां
हैं...कम से कम वो
जहां हैं..वहां
मजबूती से खड़े तो हैं..
वासिंद्र
मिश्र:तो अभी
जो पिक्चर दिखाई दे रहा है..उसमें
लग रहा है कि आंध्र में जगनमोहन
रेड्डी शायद आपके साथ आ
जाएं...बिहार से
नीतीश आ जाएं..
मुलायम
सिंह यादव:अभी
चुनाव के बाद समीकरण बनते
हैं..तब ये तयहोता
है..अभी कुछ नहीं
कहा जा सकता..
वासिंद्र
मिश्र:नहीं
आपके दिमाग में तो एक खाका
होगा ना कि कौन-कौन
आएगा चुनाव के बाद..
मुलायम
सिंह यादव:अब
तो सीधी बात है.. कि
तीसरे मोर्च में किसके ज्यादा
लोग जीत जाएं...
वासिंद्र
मिश्र:नहीं
जैसे हरियाणा की बात करें..तो
वहां चौटाला..से
आपाके रिश्ते पहले से भी अच्छे
रहे हैं..
मुलायम
सिंह यादव:चौटाला
जी से अच्छे रिश्त हमेशा रहे
हैं..अब वो ऐसी मुसीबत
में फंस गए हैं.. अब
वो फंस गए...तो क्रोट
का मामला है..कुछ
कह नहीं सकते.. लेकिन
इतनी गलती नहीं थी...इतनी
बड़ी सजा दी गई..
वासिंद्र
मिश्र:आप लोगों
की नवीन पटनायक से बातचीत नहीं
हो रही है..तीसरा
मोर्चा बनाने के लिए..
मुलायम
सिंह यादव:अभी
कोई समन्वय नहीं हुआ है...
वासिंद्र
मिश्र:उनके
पिताजी आपके दोस्त थे...अगर
आप पहल करें तो..
मुलायम
सिंह यादव:-अब
सब मिलकर ही काम करेंगे.और
मिलकर ही कोई फैसला करेंगे..तभी
तीसरे मोर्चे की सरकार बन सकती
है..
वासिंद्र
मिश्र:एक कहावत
है जो हम लोग पढ़ा करते थे..और
जब से पत्रकारिता में आए..तो
देखते भी हैं कि समाजवादी लोग
बहुत दिन तक न तो एकसाथ रह पाते
हैं..न बहुत दिन तक
अलग..
तो ये समय
के साथ इस विचारधारा में कोई
बदलाव दिखाई दे रहा है आपको...
मुलायम
सिंह यादव:इससे
ज्यादा क्या होगा कि सद्भाव
में समाजवादी पार्टी बनी..अभी
तक समाजवादी पार्टी में न कोई
मतभेद..न कोई टूट
ज्यों की त्यों है...
वासिंद्र
मिश्र:नहीं
मैं समाजवादी पार्टी की बात
नहीं कर रहा हूं...बाकी
दलों में जो समाजवादी लोग हैं
उनकी बात कर रहा हूं..
मुलायम
सिंह यादव: अब
वो समाजवादी कहां हैं..वो
तो दूसरे दलों में चले गए..
समाजवादी पार्टी जो
लोहियावादी हैं.वो
सबके सब ज्यों के त्यों हैं..नंदा
जी ने अपनी एक अलग सोशलिस्ट
पार्टी बनाई हुई थी..जैसे
ही ये समाजवादी पार्टी बनी.
वो समाजवादी पार्टी
में आ गए.. एक पार्टी
हो गई हमारी और उऩकी..और
लगातार हम एक हैं..साथ
बैठे हैं..लगातार
हम लोग एक हैं..कही
टूटनहीं हुई..21 साल
से लगातार समाजवादी पार्टी
ज्यों की त्यों है..न
अलग हुई न टूटी...अब
वो समय दूसरा था..
वासिंद्र
मिश्र:--बहुत-बहत
धन्यवाद हमसे बात करने के लिए.
माननीय मुलायम जी को ये समझना होगा कि आप स्वयं समाजवादी नहीं रह गयें.. और यदि आप देश के प्रधानमंत्री पद के लिए सपने देख रहे है तो आपको याद होना चाहिए की परिवारवादी परिसीमा से आपको ऊपर उठना होगा। देश के किसी भी कोने में जितनी भी व्यक्ति विशेष राजनीतिक दल है उनके किसी भी मुखिया में प्रधानमंत्री बनने की न तो क्षमता है न ही कोई विशेष गुण।। अगर फिर भी आप ऐसे सपने देख रहे हैं तो आपको अपने दल का राष्ट्रीयकरण करना चाहिए। और ये ध्यान में रख के करियेगा कि आपके परिवार का कोई व्यक्ति उन राज्य का पदाधिकारी न हो जाये।।
जवाब देंहटाएं